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24 Mar 2017

whatsaap का इतिहास

whatsaap का इतिहास


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Story behind whatsapp
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एक समय था जब दो दोस्तों ने याहू जैसी एक कंपनी की नौकरी छोड़ दी, यह सोचकर कि अपना कोई काम किया जाए। लेकिन फिर लगा कि बात बन नहीं रही है और फिर नौकरी पकड़ ली जाए। लेकिन दूसरे दोस्त ने पहले को समझाया कि इतनी दूर चलने के बाद मंजिल की आस छोड़नी नहीं चाहिए। और काम चलता रहा। रास्ते में और दोस्तों का भी साथ मिल गया।
इस तरह बिना पैसों के प्रयोग के तौर पर शुरु हुआ काम देखते ही देखते लोकप्रिय होने लगा और बाजार में उसकी कीमत बढ़ते बढ़ते अरबों डॉलर की हो गई।

लोकप्रियता बढ़ने लगी तो फेसबुक जैसे लोकप्रिय ब्रांड को उसे खरीदने का प्रस्ताव भेजना पड़ा। 

वह प्रोडक्ट था- ' व्हाट्स-ऐप '

जिसे तैयार किया है जां कॉम और ब्रायन ऐक्टन नाम के दो दोस्तों ने। पढ़िए जो वॉट्स ऐप आज आपके फोन में है वह आखिर आप तक पहुंचा कैसे है!

जां कॉम की जिंदगी के शुरुआती दिन

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यह सफर शुरू होता है वॉट्स ऐप के को-फाउंडर जां कॉम की जिंदगी के शुरुआती दिनों से।

जां कॉम 1976 में यूक्रेन के पास एक छोटे से गांव में जन्मे थे। कॉम की मां एक गृहणी थीं और उनके पिता अस्पताल और स्कूल बनाने वाली एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। वे अक्सर घर से बाहर रहा करते थे। जीवन बेहद खस्ताहाल था। घर में रोजमर्रा की चीजें जुटा पाना भी एक कठिन काम था।

बचपन में कॉम और उनकी मां किसी तरह अपना खाना जुटा पाते थे। उनकी मां किसी तरह घर में सबसे लिए खाने और बाकी चीजों का इंतजाम किया करती थीं। वे दिन कॉम की जिंदगी के सबसे चुनौती भरे दिन थे।

फिर एक वक्त ऐसा भी आया कि कॉम ने 19 बिलियन डॉलर में खुद के बनाया हुए वॉट्स ऐप की डील उसी वेल फेयर के ऑफिस में साइन की जहां वो एक समय राशन कार्ड लेकर खाना जुटाने के लिए खड़े रहते थे। और इसी वेल फेयर ऑफिस के बगल में जां कॉम ने वॉट्स ऐप का हेड ऑफिस बनाया।

फेसबुक को 19 बिलियन डॉलर में वॉट्स ऐप बेचने के बाद जां कॉम अपने दोस्त ब्रायन ऐक्टन के साथ एक बार फिर उसी वेल फेयर के ऑफिस पहुंचे। ऐसा जिंदगी में पहली बार हुआ जब कॉम अपनी पोर्श ड्राइव करते हुए उस ऑफिस तक पहुंचे।

फिर मिला दोस्त

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कॉम स्कूल में एक शैतान बच्चे हुआ करते थे लेकिन 18 की उम्र तक पहुंचते हुए उन्होने खुद को कम्प्यूटर नेटवर्किंग में एक्सपर्ट बना लिया। उन्होंने एक हैकर ग्रुप वूवू ज्वाइन किया जिसमें उन्हें इंटरनेट और नेटवर्किंग से जुड़ी तमाम चीजें सीखीं।

1997 में वे सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी गए और वहां खुद को ब्रायन एक्टन के साथ बैठा पाया।

यूनिवर्सिटी में काम करते हुए उन्होंने याहू में नौकरी करना शुरू कर दिया। एक दिन सर्वर में कुछ परेशानी आने पर याहू के फाउंडर फिलो ने कॉम को फोन किया और पूछा कि वह कहां है। कॉम ने जवाब दिया कि मैं क्लास में हूं। फिलो ने कहा तुम क्लास में क्या कर रहे हो? मेरी टीम बेहद छोटी है और यह सर्वर की परेशानी जल्द से जल्द ठीक करनी है।

कॉम कहते हैं कि उन्हें पढ़ाई वैसे भी पसंद नहीं थी। उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।

नहीं मिली थी फेसबुक में नौकरी

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सन 2000 में जब कॉम की मां की मृत्यु हुई वे अचानक बेहद अकेले हो गए। 1997 में पहले ही उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी।

कॉम उस वक्त को याद करते हुए ऐक्टन के लिए शुक्रगुजार महसूस करते हैं। वे कहते हैं कि उस वक्त ऐक्टन ने मेरा बहुत साथ दिया। हम साथ रहते थे। वह मुझे अपने साथ घर ले जाता था। मेरा मन बहलाने के लिए हम सॉकर और फ्रिस्बी खेला करते थे।

2007 में कॉम और ऐक्टन दोनों ने याहू की अपनी नौकरी छोड़ दी। उन्होंने फेसबुक में नौकरी पाने की कोशिश की पर दोनों नाकाम रहे।

फिर दोनों दोस्त एक कॉफी शॉप में बैठ कर कॉम और ऐक्टन दोनों बात करते रहे। एक ऐप के बारे में सोचते रहे। उन्होंने सोचा कि यह कितना कूल होगा कि एक ऐप का स्टेटस यह बताए कि आप क्या कर रहे हो। जैसे आप फोन पर हो, बैटरी लो है, जिम में हूं।

वाट्स ऐप का नाम रखे जाने में कोई लिस्ट नहीं थी जो बनी और रिजेक्ट हुई हो। कॉम ने एक बार में ही यह नाम सोच कर तय कर लिया था... ''what's up"

ऐसे बनना शुरू हुआ वॉट्स ऐप

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इसके बाद ऐप की कोडिंग के लिए कॉम लगातार काम करते रहे। वे लगातार कोड लिखते रहे। और दुनियाभर के मोबाइल में इस ऐप को सिंक करने की कोशिश करते रहे।

शुरुआत में वॉट्स ऐप लगातार क्रैश या हैंग होता रहा। इसके बाद वे लगातार अपने दोस्तों के फोन में ऐप पर काम करते रहे उनके कॉन्टैक्ट को डाउनलोड करते रहे और यह नोट्स बनाते रहे कि कहां कहां दिक्कते आ रही हैं।

इस बीच एक दिन फ्रिस्बी खेलते हुए कॉम ने ऐक्टन से कहा कि हमें फिर से नौकरी की तलाश करनी चहिए। इस पर ऐक्टन ने कॉम को डपटते हुए कहा कि इतना आगे आकर अब अगर तुम इस प्रोजेक्ट को छोड़ दोगे तो यह बड़ी बेवकूफी होगी।

कॉम के अनुसार शुरू में हमने यह नहीं सोचा था कि यह ठीक-ठीक कैसा बनेगा। हमने सोचा था कि कितना मजेदार होगा कि किसी ऐप में जब भी कोई अपना स्टेटस बदलेगा वह उसके पूरे नेटवर्क में चला जाएगा। जैसे.. मैं नहाने जा रहा हूं बाय।

लेकिन धीरे-धीरे इसमें इंस्टेंट मैसेज जुड़ा। इसके बाद दोनों दोस्तों ने सोचा कि अगर दुनिया भर में काम करने वाला कोई ऐसा ऐप बने जो सभी जगह काम करे और लोग आपस में जुड़ जाएं तो वह बहुत कारगर साबित होगा और ताकतवर भी।

कॉफी शॉप्स में बैठकर की तैयारियां

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जां कॉम और ब्रायन ऐक्टन ने कॉफी शॉप्स में बैठकर वॉट्स ऐप डेवलप किया। कई साल लगे जब वे लगातार इसी तरह साथ बैठते और काम करते।

कुछ ही सालों का समय लगा और वॉट्स ऐप की कीमत कुछ डॉलर से बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। जब फेसबुक ने वॉट्स ऐप को खरीदा तो कंपनी ने उन्हें 4 बिलियन डॉलर कैश दिए बाकी 12 बिलियन डॉलर के कंपनी के शेयर दिए।

वाट्स ऐप को 2009 में बनाया गया था और पांच साल में आज इसकी ग्रोथ फेसबुक से भी ज्यादा तेज है।

जां कॉम कहते हैं कि 2009 में उन्होंने एक ही मिशन से वॉट्स ऐप बनाना शुरू किया था। वे कहते हैं, " एक ऐसा कूल प्रोडक्ट को दुनिया भर के लोग इस्तेमाल कर सकें। इसके अलावा हमारे लिए और कोई दूसरी बात मायने नहीं रखती थी। हमने फेसबुक से अपनी डील साइन की है और हम कोशिश करेंगे हमारा जो मिशन था वो इसी तरह चलता रहे। "

कैसे बना खास

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जिस वक्त तक वॉट्स ऐप ने काम करना शुरू किया उस समय फ्री मैसेजिंग के लिए स्काइप, बीबीएम या जीचैट जैसे ऑप्शन थे लेकिन वॉट्स ऐप में खास बात यह भी कि यह मोबाइल नंबर से लॉग इन होता था। 

वॉट्स ऐप पर काम करते हुए कॉम और ऐक्टन आपस में एक दूसरे से वॉट्स पर बात करते हुए उसे टेस्ट करते थे। उस वक्त भी वॉट्स ऐप में राइट के दो निशान का मतलब होता था कि मैसेज दूसरे फोन में पहुंच गया है। और ऐक्टन को यह अहसास हुआ कि जिस चीज पर काम कर रहे हैं उसमें कितनी क्षमताएं हैं।

इसके बाद कॉम और ऐक्टन काम करते गए। एक छोटा सा ऑफिस खोला जहां कुछ लोग मिलकर काम करते रहे। कॉम और ऐक्सटन भी कोडिंग पर लगातार काम करते रहे। इसके बाद दोनों के कुछ पुराने साथियों ने वाट्स ऐप पर काम करने के लिए लगभाग 250,000 डॉलर इन्वेस्ट किए।

इस बीच इनका काम चलता रहा और बीबीएम और आईफोन और बाकी स्माइर्टफोन इस्तेमाल करने वाले दोस्त इन्हें मेल लिखते रहे और वाट्स ऐप के बार में पूछते रहे।

ये सारे लोग उत्साहित थे क्योंकि वे एक ऐसा फ्री ऐप इस्तेमाल करने वाले थे जिसे दुनिया में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्हें यह बहुत ही बेहतरीन आइडिया लगा कि एक छोटे से ऐप से इतनी आसानी से दुनिया के किसी भी कोने में बैठा इंसान अपनी कोई भी तस्वीर या वीडियो किसी को इतनी आसानी से भेज सकता है।


शुरुआत में काम करते हुए वॉट्स ऐप के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी लोगों के मोबाइल नंबर पर वेरिफिकेश न कोड भेजने की। जो सर्विस कंपनी लोगों को वेरिफिकेशन कोड भेजती थी वह दुनिया की अलग-अलग जगहों के हिसाब से अलग पैसा लेती थी और यही कॉम के बैंक अकाउंट को सबसे ज्यादा भारी पड़ रहा था। लेकिन गनीमत थी कि 2010 तक आते-आते कंपनी थोड़ा रेवन्यू जनरेट करने लगी।

2011 तक आते आते वॉट्स ऐप ने कई चीजें डेवलप की जिनमें एक दूसरे को फोटो भेजना शामिल था। इंस्टेंट चैट के लिए इस ऐप को इतना ज्यादा पसंद किया जा रहा था कि इसी साल यह ऐप अमरीका के टॉप 20 ऐप में शामिल हो गया।

वॉट्स ऐप की लॉन्चिंग बेहद चुपचाप तरह से हुई। एक स्टाफ मेंबर ने जब कॉम से कहा कि आ पने प्रेस या विज्ञापन के लिए किसी को क्यों नहीं बुला या, ये सब थोड़ी धूल झाड़ते और हमारा प्रोडक्ट थोड़ा और चमकता। इस पर कॉम ने बहुत प्रेम से कहा , "हां और वह धूल हमारी ही आंखों में उड़कर जम जातीं और हम अपना काम कभी फोकस के साथ नहीं कर पाते। "

कॉम और ऐक्टन ने शुरुआत से यह बात सोच रखी थी कि वे मीडिया से दूर र हेंगे और उन्हें कोई अपडेट नहीं देंगे। और उन्होंने 2011 में वॉट्स ऐप के वायरल होने के बाद भी मीडिया में इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी। और 2013 में वॉट्स ऐप ने सारी चैट ऐप्स को मात देते हुए मार्केट पर कब्जा जमा लिया और अपने साथ

200 मिलियन यानी 20 करोड़ यूजर जोड़ लिए।

.और फिर मिली बादशाहत

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2014 के अगस्त महीने तक वॉट्स ऐप के मंथली यूजर 60 करोड़ हो चुके थे। इस वक्त लोग इस ऐप से कितनी तेजी से जुड़ रहे हैं इस बात इसी से समझा जा सकता है कि हर महीने लगभग ढाई करोड़ नए एक्टिव यूजर वाट्स ऐप से जुड़ रहे हैं।

मार्च में ऐप के को-फाउंडर ब्रायन ऐक्टन ने फोर्ब्स को बताया था कि एक दिसंबर 2013 के बाद से हर दिन वॉट्स ऐप में 10 लाख नए लोग लॉग इन कर रहे हैं।

इस वक्त सबसे ज्यादा एक्टिव यूजर वॉट्स ऐप के ही हैं। चीन की ' वी-चैट' और जापान के ' लाइन' ऐप को वॉट्स ऐप कापी पहले पछाड़ चुका है।

इस समय भारत में वॉट्स ऐप के छह करोड़ से भी ज्यादा एक्टिव यूजर हैं।

2014 की फोर्ब्स की रिपोर्ट्स के अनुसार जां कॉम 6.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया भर के सबसे अमीरलोगों की लिस्ट में 202 वीं रैंक पर हैं। वहीं ब्रायन ऐक्टन 3 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ 551 वीं रैंक पर हैं।

ये वही दो दोस्त हैं जो पैसे की कमी के चलते एक वक्त वॉट्स ऐप का काम छोड़कर नौकरी करने की सोच रहे थे। आज ये दोनों दोस्त सिर्फ 55 लोगों की टीम के साथ पूरी दुनिया में वॉट्स ऐप की सर्विस चला रहे हैँ।

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